Hello dosto swagat hai aapka hamare blog Hindi Idea mein aaj hum aapko batayenge ki diabetes kya hoti hai ? iske sytmptoms or unse bachne ke upay kya hain ?
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Diabetes क्या होती है :-
मधुमेह (Diabetes) स्वयं ही एक घातक रोग नहीं है, अपितु यह कई असाध्य रोगों का जन्मदाता भी है। आज पूरे विश्व में ही नहीं बल्कि हमारे देश में भी इसके शुगर के रोगियों की संख्या में निरन्तर इजाफ़ा हो रहा है। हमारे ख़ान पान पर नियंत्रण ना होना (शुगर में परहेज) भी शुगर (blood sugar) होने का बड़ा कारण है। मधुमेह (Diabetes) होने पर ब्लड शुगर (Blood Sugar) की मात्रा बढ़ने लगती है। अभी तक blood sugar को जड़ से खत्म करने का कोई इलाज नहीं है, पर खून में रक्त शर्करा को कंट्रोल कर के अच्छा जीवन जी सकते है। आज बहुत से लोग ये जानना चाहता है की ब्लड शुगर के उपाय क्या है।
किसी भी चीज से परेहज ना करना, कुछ भी खा पी लेना और इसके इलावा खाने पिने की गलत आदतें होना एक प्रकार से शुगर के रोग को बुलावा देना ही है। डायबिटीज 2 तरह की होती है type 1 diabetes और type 2 diabetes
- type 1 diabetes : ये डायबिटीज अधिकतर छोटे बच्चों या फिर 20 साल से कम उम्र के लड़कों में होती है। मधुमेह टाइप 1 में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता।
- type 2 diabetes : जो लोग शुगर से ग्रस्त होते है उनमें से अधिकतर टाइप 2 से ही प्रभावित होते है। इसमें बॉडी में इंसुलिन तो बनता है पर जो बनता है या तो वो ठीक से काम नहीं करता या फिर शरीर की जरुरत के अनुसार नहीं बनता।
Diabetes के लक्षण :- Signs of diabetes
मधुमेह के दौरान आपका शरीर आमतौर पर निर्जलित हो जाता है। निर्जलीकरण में आपको बहुत प्यास लगती है।
रक्त में अतिरिक्त शुगर की उपस्थिति के कारण गुर्दे रक्त को साफ करने के लिए अधिक काम करने लगते हैं और मूत्र के द्वारा अतिरिक्त शुगर को शरीर से बाहर निकालते हैं। इस कारण बार बार पेशाब आता है। अत्यधिक प्यास लगना और बार बार पेशाब आना यह मधुमेह होने के प्रमुख लक्षण (diabetes ke lakshan) हैं।
कोशिकाओं में ग्लूकोज़ नही पहुंचने के कारण शरीर की ऊर्जा आपूर्ति पूरी तरह से नही हो पाती है और मधुमेह का रोगी हमेशा थकान महसूस करता है और उसे जल्दी भूख लगने लगती है।
मधुमेह से पीड़ित दोनों पुरुषों और महिलाओं को हाथ और पैर की उंगलियों के बीच, सेक्स अंगों के आसपास और स्तन के नीचे यीस्ट इनफ़ेक्शन हो सकता है।
यदि रक्तधारा में रक्त शर्करा का स्तर ठीक से संतुलित नहीं होता है, तब यह तंत्रिका या किसी भी अंग की क्षति का कारण बन सकता है जिससे आपके शरीर के घावों को ठीक होने में मुश्किल होती है।
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वज़न में कमी, मतली और उल्टी, बाल गिरना, धुँधली दृष्टि, त्वचा का सूखापन या खुजली होना मधुमेह के कुछ अन्य लक्षण हैं। अगर इसका समय से इलाज़ ना किया जाए तो गुर्दे की विफलता, दिल का दौरा या स्ट्रोक, अंधापन, तंत्रिका क्षति आदि के रूप में गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
यह एक सामान्य धारणा है कि चीनी मधुमेह का कारण है, लेकिन मधुमेह के पीछे का असली कारण स्टार्च है। पाचन के दौरान, स्टार्च ग्लूकोज़ में टूट जाता है जो चीनी का एक प्रकार है। इसलिए मधुमेह के रोगी चीनी खा सकते हैं पर उचित मात्रा में। अपने आहार में अपने कार्बोहाइड्रेट को नियंत्रित कर अपने मधुमेह को नियंत्रित करें।
डायबिटीज से बचाव :- How to prevent diabetes
डायबिटीज से बचाव :- How to prevent diabetes
मधुमेह को नियंत्रित करके इससे संबंधित समस्याएं जैसे कि दिल का दौरा, स्ट्रोक, तंत्रिका और अंग क्षति, अंधापन आदि को रोका जा सकता है। आप अपने आहार में करेला, जौ, गेहूं, हल्दी, काली मिर्च, लहसुन, सन बीज, ब्लू बेरी और जामुन आदि शामिल करें। सामान्य चावल के बजाए पके हुए चावल खाएं और कफ बढ़ाने वाले आहार (घी, दही, चावल, आलू आदि) से बचें और आहार (diabetic diet) में परिवर्तन मधुमेह (Diabetes) को काफ़ी हद तक कम कर सकता है। हर सुबह हरी चाय या तुलसी की चाय का सेवन करें। खाली पेट ब्लूबेरी के पत्ते खाना शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक उपाय है। मधुमेह (blood sugar) एक बीमारी है जिसका वजन आपके स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि आपकी जेब पर भी भारी होता है। मधुमेह रोगी दवाओं या इंजेक्शन को पूरी तरह से बंद नहीं कर सकते हैं, लेकिन डायबिटीज का घरेलू उपचार (diabetes treatment naturally ) का पालन करके वह दवाओं या इंजेक्शन की जरूरत को कम कर सकते हैं।
यहाँ हम आपको 30 डायबिटीज से बचने के उपाय बता रहे हैं जिससे आपको डायबिटीज से छुटकारा मिल सकता है |
- वेट मनेजमेंट यानी अपने शरीर को संतुलित रखना। मधुमेह जैसी बीमारी में अपने वजन को कंट्रोल में रखना बहुत जरुरी है क्योंकी डायबिटीज ज्यादातर मोटापे की वजह से ही होती है।
- उचित व्यायाम अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। अध्ययन बताते है की रोज़ एक्सरसाइज करने से हमारा मटैबलिज़म भी अच्छा रहता है जो की डायबिटीज के रिस्क को भी कम करता है।
- अवोइड ट्रांस फैट ट्रांस फैट शरीर में प्रोटीन को ग्रहण करने की छमता को कम करता है। जिसकी वजह से शरीर में इन्सुलिन की कमी हो जाती है। और हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
- नो शुगर, शुगर में परहेज, अपने खाने में शुगर यानी चीनी का कम से कम इस्तमाल करे इससे शरीर में इन्सुलिन को संतुलित करना आसान है।
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट ना खाए यदि आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करना चाहते हैं तो, सफेद चावल, पास्ता, पॉपकॉर्न,राइस पफ और वाइट फ्लौर से बचें। मधुमेह के दौरान शरीर कार्बोहाइड्रेट्स को पचा नहीं पता है। जिस की वजह से शुगर आपके शरीर में तेज़ी से जमा होने लगती है।
- फाइबर फाइबर युक्त आहार ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। अवशोषित फाइबर ब्लड में शुगर की अधिक मात्रा को अब्ज़ोर्ब कर लेता है और इन्सुलिन को नार्मल करके मधुमेह को नियंत्रित करता है।
- धूम्रपान ना करे लम्बे समय तक धूम्रपान करने से हृदय रोग और हार्मोन प्रभावित होने शुरू हो जाते है। धूम्रपान की आदत छोड़ देने से आपका स्वास्थ्य तो अच्छा रहेगा ही साथ ही डायबिटीज भी कंट्रोल रहेगी।
- fruits for diabetics, ताजे फल फलो में प्राकृतिक चीनी बहुत अच्छी मात्रा में पाई जाती है। जो की आपकी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी को पूरा करेंगे साथी आपकी शुगर को भी कंट्रोल करती है। इसके लिए सबसे अच्छा फल है केला।
- ताज़ी सब्जियां खाए ताज़ा सब्जियों में आयरन, जिंक, पोटेशियम, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है। जो हमारे शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते है। जिसे हमारा हृदय और नर्वस सिस्टम भी स्वस्थ रहता है। इससे आपका शरीर आवश्यक इंसुलिन बनाता है।
- ग्रीन टी रोजाना एक कप बिना शक्कर की हरी चाय पीने से ये शरीर की गंदगी साफ होती है। और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके ब्लड शुगर को भी नार्मल रखता है।
- कॉफ़ी कैफीन हृदय रोगों की संभावना को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। लेकिन अगर इसका कम प्रयोग करे तो इससे हमारा ब्लड शुगर भी कंट्रोल होगा। क्योंकी कैफीन भूख को कम करने में भी मदद करती है। जिसकी वजह से अनचाहा फैट शरीर में जमा नहीं हो पाटा है।
- छोटे छोटे अन्तराल में भोजन ले अध्ययन बताते है की थोड़े-थोड़े अन्तराल में भोजन करने से पोषक तत्व ज्यादा अब्ज़ोर्ब होते है। और फैट शरीर में कम जमा होता है।जिसे इन्सुलिन नार्मल हो जाती है।
- हृदय स्वास्थ्य मधुमेह की शुरुवात के साथ सबसे पहले हृदय पर बुरा प्रभाव पढ़ता है। इसलिए डायबिटीज को चेक करने साथ साथ अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नजर रखने की जरूरत है।
- लाल मांस से बचें लाल मांस में फोलिफेनोल्स पाया जाता है जो की ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देता है। लाल मांस में जटिल प्रोटीन पाया जाता है, जो बहुत धीरे से पचता है इसलिए लाल मांस मेताबोलिसिम को धीमा करता है जिसकी वजह से इंसुलिन के बहाव पर असर पढ़ता है।
- दालचीनी पाउडर खाने को स्वादिष्ट बनाने के अलावा दालचीनी पाउडर आपका ब्लड शुगर भी कंट्रोल करता है।
- स्ट्रेस मनेजमेंट अच्छे नेर्वेस के काम करने के लिए ऑक्सीटोसिन और सेरोटोनिन जिम्मेदार होते है। अड्रेनलन के शरीर में रेलिज़ होने बहुत अधिक तनाव में भी इंसुलिन के बहाव में फर्क नहीं पड़ता है। हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है की आप स्ट्रेस से दूर रहे।
- हाई प्रोटीन डाइट जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें हाई प्रोटीन डाइट खानी चाहिए क्योंकी ये शरीर के एनर्जी लेवल को कंट्रोल करता है।
- फास्ट फूड्स से बचें मधुमेह के मरीजों को न केवल नमक, चीनी और कार्बोहाइड्रेट से दूर रहना चाहिए बल्कि उनको ट्रांस फैट से बनी चीज़े भी नहीं खानी चाहिए। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए उन्हें फ़ास्ट फ़ूड से दूर रहा चाहिए।
- नियमित ब्लड शुगर चेक करे एक ब्लड ग्लूकोस मोनिटर खरीद ले जिससे आप घर पर ही अपने शुगर लेवल को जान सकते है । इसमें आपके रक्त की कुछ बूंदे चाहिए होती है जिससे आप ये जान सकते है की आपका ब्लड शुगर नार्मल है या नहीं।
- रेगुलर चेक अप मधुमेह के रोगियों को रोजाना चेकअप की जरुरत होती है। रोज़ चेक अप होने से ब्लड शुगर लेवल पता चलता रहता है।
- अच्छी नींद ले अध्ययनों से पता चला है की एक वयस्क इन्सान को हर रात 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए इसे उनमें डायबिटीज होना का खतरा कम रहता है उन लोगों से जो कम सोते है। इसके पीछे का विज्ञान यह है कि नींद मस्तिष्क को शांत और हर्मोनोस को बैलेंस रखता है। उसी जगह कम नींद से हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है।
- नमक कम खाए मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए नमक कम खाए। नमक आसमाटिक बैलेंस को शरीर में बनाये रखता है। और अगर बैलेंस बिगड़ जाये तो ये हार्मोनल डिसऑर्डर पैदा करने लग जाता है।
- चोट की देखभाल करे मधुमेह में प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है जिसकी वजह से चोट जल्दी ठीक नहीं होती है। इस लिए चोट या घाव हो जाये तो उसका तुरंत इलाज करे।
- खूब पानी पिये पानी शरीर में हाई शुगर कंटेंट को रोकता है। रोज़ 2.5 लीटर पानी पीने से ना केवल शरीर अच्छे से काम करता है बल्कि हृदय और मधुमेह रोगों की संभावना को भी कम करता है।
- लीन मीट खाएं लीन मीट उनके लिए बहुत अच्छा है जो नॉन वेजिटेरियन है क्योंकी इनमें हाई प्रोटीन होता है जो शरीर के लिए अच्छा होता है।
- ज्यादा कैल्शियम खाए अगर हम कैल्शियम रोज़ अपनी भोजन या कैल्शियम के सप्लीमेंट ले तो हम काफी हद तक मधुमेह होने की संभावना कम कर सकते है।
- सिरका सिरका को अगर आप अपने खाने के साथ खाते है तो ये आपके ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में मदद करता है।
- सोया मधुमेह के रोगियों के लिए सोया प्रोटीन एक बहुत अच्छा खाद्य पदार्थ है। सोया में इसोफ़्लवोनेस पाया जाता है जो ब्लड में शुगर को कम करता है और आपके शरीर को भी स्वस्थ रखता है।
- कोलड्रिंक या मिलावटी ड्रिंक से दूर रहें कोला और कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रहे क्यों की ये ब्लड में शुगर लेवल को बढ़ा देती है। इनमें जो शुगर पाई जाती है उनमें सिर्फ कैलोरीज होती है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए खतरनाक साबित होती है।
- सूरज की रोशनी में बैठे अध्ययन बताते है की तोड़ी देर सूरज में बैठने से आपको अच्छी मात्रा में विटामिन डी मिलता है जो आपके शरीर में प्राकृतिक इन्सुलिन बनाता है। अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो इन्सुलिन का लेवल कम हो जायेगा। ये एक आसान उपाय है डायबिटीज को कण्ट्रोल रखने में। पर जरुरत से ज्यादा सूरज में रहने से आपको स्किन कैंसर भी हो सकता है।
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