Friday 22 June 2018

Healthy kaise rahe,healthy jivan kaise jeeye - Hindi Idea

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग हिंदी आईडिया में ,आज हम आपको हेल्थी  कैसे  रहे  और हेअल्थी जीवन कैसे जीए इसके बारे में डिटेल में बताएँगे .

स्वस्थ कैसे रहे ? स्वस्थ जीवन कैसे जीये ?

आज हर सफल व्यक्ति खुद को जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बनाने में लगा हुआ है. खुद को ऐसे मुकाम पर ले जाने की कोशिश करने में लगा है जहाँ उसका जीवन सुखी और खुशहाली से भरपूर हो. अपनी life को बेहतर बनाने के लिए वह नए तरीके ढूंढता है और नए Ideas को अपनाता रहता है.
इस कामयाबी या अपने सपनो को पाने में कई लोग सफल हो जाते है किन्तु कई ऐसे लोग भी होते है जो अपने जीवन में सफलता पाकर भी खुश नहीं रहते. उनके पास दौलत होती है, परिवार होता है, इज्जत होती है तथा अपने ऐशो-आराम की हर चीज को खरीदने के वे काबिल भी होते है. लेकिन उनके पास जो चीज नहीं होती वह है-अच्छी सेहत. जब वे खुद को स्वस्थ ही नहीं रख पाते तो ऐसी सफलता तथा धन – दौलत उनके किसी काम की नहीं रहती.

                       Hindi Idea

सफलता तो उसी को कहते है जिसे आप पूरी तरह से Enjoy करते है लेकिन अगर आप स्वस्थ ही नहीं रह पाएंगे तो ऐसी Succes का कोई मतलब नहीं रहता. आज हर कोई यही चाहता है कि वह पूरी तरह से फिट और स्वस्थ रहे तथा Healthy Life जियें और सेहतमंद बना रहे.

अगर आप भी अपने जीवन में सेहतमंद और स्वस्थ रहना चाहते है तो खुद को आपको कुछ समय देना होगा. तभी आप Daily Life में संतुलन बना पाएंगे.

हम आज आपके साथ यहाँ अच्छे स्वास्थ्य के लिए 7 उपाय शेयर कर रहे है जिन्हें आप अपनी लाइफ में अपनाकर Better Helthy Life जी सकते है.


1. खाने में संतुलन अपनाये (Adopted in the Balance Diet) :

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपका खाना या भोजन प्रमुख भूमिका निभाता है. अगर आपका खाना अच्छा और पौष्टिक होगा तो वह आपकी सेहत को भी अच्छा बनाएगा वही अगर आप अपने भोजन के प्रति लापरवाही बरतते है या पौष्टिक भोजन नहीं लेते है तो यह आपके स्वास्थ्य को बीमार बना देगा. आपको कौन सी चीज खानी चाहिए तथा किन चीजो से आपको परहेज करना चाहिए यह बात आपको अपने Body के हिसाब से पता होनी चाहिए.

आयुर्वेद में भी कहा गया है कि आप अपनी प्रकृति (Nature) के हिसाब से ही आहार ले. यानि की अगर आप में पित्त प्रकृति की मात्रा बहुत अधिक है तो आप पीली वस्तुओ जैसे कि ज्यादा तेल, हल्दी और इसी तरह की पीली चीजो से परहेज करे. इसलिए अपने प्रतिदिन के भोजन में विटामिन्स (Vitamins), प्रोटीन्स(Protins), वसा (Fat), कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स (Minerls) आदि सभी चीजो को संतुलित मात्रा में अपने आहार में शामिल करे.


2. अपनी दिनचर्या को रखे संतुलित (Keep your routine balanced):

हमारी दिनचर्या का जितना प्रभाव हमारी सफलता पर होता है उतना ही असर इसका हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. अगर आपकी दिनचर्या बहुत संतुलित होगी तो आपका स्वास्थ्य भी उतना ही अच्छा रहेगा. जब हमारी दिनचर्या रोजाना एक ही होती है तो इससे हमारे Mind को हमारे शरीर को समझने में बड़ी आसानी होती है और वह हर काम को करने का आदी बन जाता है.

सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक, हमारी दिनचर्या यानि दिन भर का शेड्यूल क्या हो, यह हमारी सेहत के लिए जानना बहुत जरुरी है. मान ले आप रोज सुबह 6 बजे उठते है तो हल्का व्यायाम या मोर्निंग वाक (Morning Walk) करने के बाद नहा ले. फिर अपने रोजाना के समय पर नाश्ता करे और नाश्ता करने के बाद 15 मिनट आराम करे. उसके बाद फिर आपको अपने काम में लग जाना चाहिए.

दोपहर 2 बजे तक लंच कर ले. दोपहर का भोजन करने के बाद 15 मिनट तक चुपचाप बैठकर आराम करना हेल्थ के लिए अच्छा रहता है. शाम के 5 बजे भूख लगने पर थोड़ा सा नाश्ता लेने में कोई दिक्कत नहीं है. घर आने के बाद आधे घंटे एकांत में आराम करना और रात को 9 बजे तक रात का भोजन ले लेना चाहिए.

फिर भोजन के 1 या 2 घंटे के बाद ही सोना चाहिए. भोजन के बाद आधे घंटे तक टहलना भी काफी अच्छा होता है. ऐसा करने से भोजन का पाचन बड़ी आसानी से हो जाता है.


3. ऋतुचर्या को न करे नजरअंदाज (Do not overlook the Hritucharya):

ऋतुचर्या का मतलब है ऋतु के मुताबिक हो जाना. प्रकृति का नियम है परिवर्तन, इससे प्रकृति हमें यह सन्देश देती है कि अब हमें भी प्रकृति के हिसाब से खुद को परिवर्तित कर देना चाहिए. जाड़ा, गर्मी और बरसात प्रकृति में जब ऋतु परिवर्तन होता है तब हमें भी खुद में परिवर्तन के लिए तैयार रहना चाहिए.

जैसे ऋतु के बदल जाने पर प्रकृति में बदलाव दिखाई पड़ता है, उसी तरह हमें अपने खान-पान, रहन-सहन, दिनचर्या और योगासनों में भी बदलाव कर लेना चाहिए. प्रकृति ने हर ऋतु के अनुकूल फल, सब्जी और खाद्य पदार्थ बनाये है. किसी अन्य ऋतु में पैदा होने वाली चीजो को किसी अन्य ऋतु में सेवन नहीं करना चाहिए.

मसलन की कोल्ड स्टोरेज में रखा तरबूज या बेल, बरसात के महीने में सेवन नहीं करना चाहिये तथा ठन्डे के दिनों में हमें ठंडी चीजो का सेवन नहीं करना चाहिए. यही नियम अन्य चीजो पर भी लागू होता है.


4. योगासन अपनाकर रहे स्वस्थ (Yoga are adopting healthy) :

आज योगा हमारे जीवन में अपना प्रमुख योगदान निभा रहा है. योग करना आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. योग करना इतना अधिक प्रचलित यू ही नहीं हुआ बल्कि योग द्वारा ऐसे Result भी हमारे सामने आये है जिसमे किसी को भी अचरज हो. योग द्वारा कई लोगो ने गंभीर बीमारियों से निकलकर स्वस्थ जीवन पाया है. जा चुका है. इसलिए योग करना हमारे हेल्थ के लिए भी बहुमूल्य है.
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हमें ऋतुचर्या के मुताबिक ही योगासन और मुद्राओ का अभ्यास करना चाहिए. पसीना निकलने वाले और गर्मी बढाने वाले आसनों को गर्मी के दिनों में न करे. सेहत के लिए मुद्राओ का अभ्यास भी जरुरी है. मानसिक सेहत के लिए भी कई मुद्राएँ है, जिन्हें रोजाना करना चाहिए.

जैसे – ज्ञान मुद्रा, यह मुद्रा अंगूठा और तर्जनी को मिलाने से बनती है. इसको रोजाना करने से याददाश्त बढती है और मानसिक बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है. इससे अनिद्रा और चिडचिडापन भी दूर होता है.

इसी तरह और भी कई मुद्राएँ है, जिसे किया जा सकता है. जैसे प्राण मुद्रा, पृथ्वी मुद्रा, वायु मुद्रा, ह्रदय मुद्रा, सूर्य मुद्रा आदि. इन्हें आप किसी अच्छे योग गुरु से सीख सकते है. इन मुद्राओ के अभ्यास से कई तरह की शारारिक और मानसिक समस्याओ से छुटकारा मिलता है.


5. पॉजिटिव सोच अपनाये (Think Positive) :

दोस्तों Positive Thinking हमारे जीवन में कितनी बड़ी भूमिका अदा करती है यह आप जरुर जानते होंगे. ज्यादातर तनाव और अवसाद जैसी समस्याएं नेगेटिव सोच की वजह से पैदा होती है. इसलिए तनाव व डिप्रेसन से लड़ने के लिए हमें अपनी थिंकिंग को सकारात्मक बनाना होगा. आपको अपनी सकारात्मक सोच को बढाने के लिए रोजाना भ्रामरी का अभ्यास करना चाहिए. रोज सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ दे.

सकारात्मक सोच के लिए आप अच्छा सत्संग, आसन, व्यायाम, मुद्राओ का अभ्यास और अच्छी संगती कर सकते है. इसके अलावा अपना Favourite Music सुनने से भी तनाव से राहत मिलती है. खुद को कभी भी एकांत में न रखे. आप यह याद रखिये कि सकारात्मक सोच से ही शारारिक और मानसिक सेहत को बनाये रखा जा सकता है. So Friends खुद को सकारात्मक बनाये रखने की हर समय कोशिश अवश्य करे.

6. खुलकर हँसने का प्रयास करे (Frank tries to laugh) :

अगर मैं आपसे यह कहूँ कि आप एक रूठे हुए इन्सान या एक हँसते हुए इन्सान में से किसी एक का चुनाव करे तो आपकी पसंद वह हँसता हुआ इन्सान ही होगा, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी लोग हँसते-मुस्कराते हुए व्यक्ति के साथ रहना ही पसंद करते है. कोई भी मायूस व्यक्ति के साथ नहीं रहना चाहेगा. हमेशा खुश रहने से या हँसते-खिलखिलाने से हमारी खुबसूरती भी बहुत बढ़ जाती है जो हमारे व्यक्तित्व में चार चाँद लगाती है.

जब कभी भी हमें सच्ची ख़ुशी (Real Happiness) मिलती है या हम जब खुश रहते है तब हमारे शरीर में ऐसे हार्मोन्स (Harmons) उत्पन्न होते है जो हमें तनाव (Stress) से लड़ने में भी सहायता करता है. कई शोधो से भी यह बात साबित हुई है कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, शारारिक और मानसिक सेहत को बेहतर करने, पाचन क्रिया को बढ़ाने तथा याददाश्त बढ़ाने के लिए खुल कर हंसने से बेहतर और कोई उपचार, दवा या तरीका नहीं है और न ही कोई आसन या प्राणायाम ही है.

आप दिन में कम से कम दो बार आधे घंटे पार्क में, बाग़ में या शीशे के सामने अकेले में खुलकर हंसने का अभ्यास करे. इससे शरीर के अंग-अंग में स्फूर्ति तथा रक्तसंचार में बढ़ोतरी होती है. इसलिए हँसते रहे और अच्छी सेहत बनाये रखे.


7. तन व मन में रखे संतुलन (Keep balance in body and mind) :

सन्तुलित आहार, आसन-व्यायाम और अन्य तरीको को आजमाने से आप यह बिल्कुल भी न समझे कि आप पूरी तरह फिट है क्योंकि खुद को सेहतमंद बनाये रखने का यह मतलब नहीं है कि आप कोई भी शारारिक या मानसिक काम से तौबा करे. अगर आपका काम मानसिक रूप से अधिक होता है तो Free Time में थोड़ा बहुत शारारिक कार्य भी करे और अगर वही आप शारारिक कार्य अधिक करते है तो खुद को मानसिक रूप से बेहतर रखने के लिए अपने आप को समय दे और अपना मनचाहा कार्य करे जिससे आपको Better Feel होगा.

अच्छे स्वास्थ्य के लिए शारारिक (Physical) व मानसिक (Mentaly) श्रम करना बहुत आवश्यक है क्योंकि बिना शारारिक श्रम के तंदुरुस्ती बेहतर नहीं हो सकती. फिजिकल वर्क करने से हड्डियाँ भी मजबूत होती है. इस तरह आप तन और मन में संतुलन बनाये रखने से शारारिक और मानसिक रूप से सेहतमंद रह सकते है.

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