हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग हिंदी आईडिया में आज हम आपको बताएँगे कि Kernel क्या होता है ? Kernel कितने प्रकार के होते हैं ? अपने फ़ोन का kernel change क्यों करे ?
अब हमें एक ऐसे सिस्टम की जरुरत पड़ती है जो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को हार्डवेयर की पूरी रिसोर्सेज को सही ढंग से इस्तेमाल करने दे.और इन सभी रिसोर्सेज को सॉफ्टवेयर तक सही ढंग से पंहुचा सके.
मान लीजिये की आपको एक लैटर टाइप करना है. तो आप msword को ओपन करेंगे. तो यह सॉफ्टवेयर यह चाहेगा की यह मेरे कीबोर्ड को इस्तेमाल कर सके. अब इस सॉफ्टवेयर को कीबोर्ड हार्डवेयर की एक्सेस देंने के लिए मेरे पास में एक अथॉरिटी होनी चाहिए जो उसको यह परमिशन दे सके. अब ऐसे में यदि टाइप किये गए लैटर को सेव करने की जरुरत है तो इस सॉफ्टवेयर को यह भी परमिशन चाहिए होगी की वह हार्ड disk का भी इस्तेमाल कर सके. यदि आप इसे प्रिंटर से हार्ड copy लेना चाहते है तो इस सॉफ्टवेयर को यह भी परमिशन चाहिए होगी की यह प्रिंटर हार्डवेयर को पूरी तरह से इस्तेमाल कर सके.
ये जो सारा परमिशन है या जो कंट्रोलिंग ऑथिरिटी है. यह kernel है. दरअसल kernel एक सॉफ्टवेयर है और ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक हिस्सा है. जो हमारे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच में ब्रिज की तरह से काम करता है. और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को जो जो हार्डवेयर की requirement होती है वो kernel को रिक्वेस्ट करते है और kernel उस सॉफ्टवेयर को उसके रिक्वेस्ट के हिसाब से उन हार्डवेयर को इस्तेमाल करने की परमिशन देता है.
Anti Kernel क्या होता है ?
यह kernel विंडोज में होता है. और यह मोबाइल तथा कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज का एक हिस्सा होता है. यह एक क्लोज kernel है . अर्थात आप इसमें कोई भी मॉडिफिकेशन नहीं कर सकते है.
Darwin Kernel क्या होता है ?
यह भी एक क्लोज kernel है और इसे भी नहीं बदला जा सकता है. यह apple डिवाइस में आता है.
Linux Kernel क्या होता है ?
यह linux ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ और एंड्राइड ऑपरेटिंग के साथ आता है. चुकी linux एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है. इसलिए इसके kernel को बदला जा सकता है. चुकी जितने भी linux या एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम है उनके kernel में बहुत कम ही अंतर होता है. ये सभी कभी सामान होते है.
आप अपने फ़ोन का kernel बहुत ही आसानी से बदल भी सकते है. इसके लिए आपको एंड्राइड फ़ोन का root access और boot loader का का unlocked होना बहुत ही जरुरी है. यदि यह दोनों आपके पास है तो आप अपने एंड्राइड फ़ोन का kernel को change कर सकते है.
जैसे मान लीजिये की बैटरी बैकअप बढ़ाना है तो आपको अपने kernel में थोडा सा change कर दे की processor की पॉवर सप्लाई थोड़ी कम कर दे. जिससे बत्तरी life और बैकअप काफी बढ़ जाएगी.
एंड्राइड फ़ोन के लिए बहुत ही लोकप्रिय कर्नेल frenko kernel है. इसके अलावा भी आपके फ़ोन के लिए बहुत से kernel है. जिसे आप इंस्टाल कर सकते है. लेकिन यह एक बहुत ही रिस्की प्रोसेस है. जिसमे आपका फ़ोन हमेशा के लिए डेड भी हो सकता है. और यदि आप किसी kernel को download कर रहे है तो इस बात का जरुर ध्यान रखे की यह एक trusted सोर्स से हो नहीं तो कस्टम kernel डालने के बाद आपका फ़ोन एक डब्बा बन कर रह जायेगा और आप उसमे कुछ भी नहीं कर पाएंगे.
Kernel क्या होता है ?
यदि हम अपने डेस्कटॉप की बात करे तो उसमे बहुत सारे हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट लगे होते है जैसे processor, ram, gpu, harddisk इसके अतिरिक्त भी बहुत से हार्डवेयर component उसमे लगे होते है या उसमे अटैच्ड किये रहते है. बिलकुल इसी तरह से ये सब चीज़े आपको अपने मोबाइल में भी देखने को मिल जाती है.अब हमें एक ऐसे सिस्टम की जरुरत पड़ती है जो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को हार्डवेयर की पूरी रिसोर्सेज को सही ढंग से इस्तेमाल करने दे.और इन सभी रिसोर्सेज को सॉफ्टवेयर तक सही ढंग से पंहुचा सके.
मान लीजिये की आपको एक लैटर टाइप करना है. तो आप msword को ओपन करेंगे. तो यह सॉफ्टवेयर यह चाहेगा की यह मेरे कीबोर्ड को इस्तेमाल कर सके. अब इस सॉफ्टवेयर को कीबोर्ड हार्डवेयर की एक्सेस देंने के लिए मेरे पास में एक अथॉरिटी होनी चाहिए जो उसको यह परमिशन दे सके. अब ऐसे में यदि टाइप किये गए लैटर को सेव करने की जरुरत है तो इस सॉफ्टवेयर को यह भी परमिशन चाहिए होगी की वह हार्ड disk का भी इस्तेमाल कर सके. यदि आप इसे प्रिंटर से हार्ड copy लेना चाहते है तो इस सॉफ्टवेयर को यह भी परमिशन चाहिए होगी की यह प्रिंटर हार्डवेयर को पूरी तरह से इस्तेमाल कर सके.
ये जो सारा परमिशन है या जो कंट्रोलिंग ऑथिरिटी है. यह kernel है. दरअसल kernel एक सॉफ्टवेयर है और ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक हिस्सा है. जो हमारे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच में ब्रिज की तरह से काम करता है. और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को जो जो हार्डवेयर की requirement होती है वो kernel को रिक्वेस्ट करते है और kernel उस सॉफ्टवेयर को उसके रिक्वेस्ट के हिसाब से उन हार्डवेयर को इस्तेमाल करने की परमिशन देता है.
Kernel कितने प्रकार के होते हैं ?
kernel मुख्यत: 3 प्रकार के होते है.- anti-kernel
- darvin kernel
- linux kernel
Anti Kernel क्या होता है ?
यह kernel विंडोज में होता है. और यह मोबाइल तथा कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज का एक हिस्सा होता है. यह एक क्लोज kernel है . अर्थात आप इसमें कोई भी मॉडिफिकेशन नहीं कर सकते है.
Darwin Kernel क्या होता है ?
यह भी एक क्लोज kernel है और इसे भी नहीं बदला जा सकता है. यह apple डिवाइस में आता है.
Linux Kernel क्या होता है ?
यह linux ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ और एंड्राइड ऑपरेटिंग के साथ आता है. चुकी linux एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है. इसलिए इसके kernel को बदला जा सकता है. चुकी जितने भी linux या एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम है उनके kernel में बहुत कम ही अंतर होता है. ये सभी कभी सामान होते है.
आप अपने फ़ोन का kernel बहुत ही आसानी से बदल भी सकते है. इसके लिए आपको एंड्राइड फ़ोन का root access और boot loader का का unlocked होना बहुत ही जरुरी है. यदि यह दोनों आपके पास है तो आप अपने एंड्राइड फ़ोन का kernel को change कर सकते है.
अपने फ़ोन का kernel change क्यों करे ?
यदि आप चाहते है की आपका फ़ोन आपको बहुत अच्छी बैटरी बैकअप प्रोवाइड करे या आपका फ़ोन आपको अच्छी परफॉरमेंस प्रोवाइडर करे तो आपको अपना kernel जरुर change कर देना चाहिए. क्योकि इसके पास हार्डवेयर की साड़ी कंट्रोलिंग होता है.जैसे मान लीजिये की बैटरी बैकअप बढ़ाना है तो आपको अपने kernel में थोडा सा change कर दे की processor की पॉवर सप्लाई थोड़ी कम कर दे. जिससे बत्तरी life और बैकअप काफी बढ़ जाएगी.
एंड्राइड फ़ोन के लिए बहुत ही लोकप्रिय कर्नेल frenko kernel है. इसके अलावा भी आपके फ़ोन के लिए बहुत से kernel है. जिसे आप इंस्टाल कर सकते है. लेकिन यह एक बहुत ही रिस्की प्रोसेस है. जिसमे आपका फ़ोन हमेशा के लिए डेड भी हो सकता है. और यदि आप किसी kernel को download कर रहे है तो इस बात का जरुर ध्यान रखे की यह एक trusted सोर्स से हो नहीं तो कस्टम kernel डालने के बाद आपका फ़ोन एक डब्बा बन कर रह जायेगा और आप उसमे कुछ भी नहीं कर पाएंगे.
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