मुगलसराय रेलवे स्टेशन के नाम का इतिहास रविवार को 138 साल बाद समाप्त हो गया। आज से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम जाना जाएगा। विधिवत लोकार्पण कर घोषणा भाजपा के राष्टीय नेता करेंगे। इसके बाद नये नाम व नये पहचान के साथ मुगलसराय को जाना जाएगा।
ब्रिटीश शासनकाल में कोलकाता से नई दिल्ली माल ढुलाई के लिए 1862 में हावड़ा से दिल्ली जाने के लिए रेलवे लाइन का विस्तार किया। वहीं 1880 में मुगलसराय रेलवे स्टेशन भवन का निर्माण किया गया। इसके बाद मुगलसराय स्टेशन का नाम प्रचलन में आ गया।
इसके अलावा 1905 में स्टेशन भवन में सुधार किया गया। मुगलसराय रेलवे स्टेशन भवन के भव्यता के लिए पंडित कमालपति त्रिपाठी ने पहल करते हुए भवन का सुंदरीकरण कराया। स्टेशन भवन निर्माण के लिए 1976 में पंडित कमलापति त्रिपाठी उद्घाटन किया।
इस क्रम में स्टेशन भवन का 1982 में निर्माण कार्य पूरा हुआ। वही 1978 में मुगलसराय स्टेशन पूर्व रेलवे का मंडलीय मुख्यालय बना। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम एशिया में यार्ड से मशहूर है। एकलौता एशिया का यार्ड साढ़े 12 किमी में फैला है। यार्ड में 250 किमी रेलवे लाइन का संजाल बना है। यार्ड में 10 ब्लाक केबिन व 11 यार्ड केबिन है। वहीं 19वीं शताब्दी में विद्युत लोको शेड की स्थापना की गई। इसमें हावड़ा से दिल्ली तक गया होते हुए ट्रेनों का संचालन होता है। विद्युत लोको शेड में करीब 137 रेल इंजन का मरम्मत कार्य करने की क्षमता है। इसके अलावा डीजल लोको शेड की स्थापना 1962 में उत्तर रेलवे के सौजन्य से किया गया।
इसमें 72 रेल इंजनों के रखरखाव की व्यवस्था थी। हालांकि अब इसकी क्षमता बढ़ा दी गई है। मुगलसराय। लोकार्पण समारोह में किसी भी व्यक्ति को काला छाता लेकर पहुंचने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। इसके अलावा काला कपड़ा पहनकर भी आने में मनाही है। इसके अलावा कोई फेंकने वाली वस्तु व पदार्थ लेकर जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
आईजी विजय सिंह मीना ने लोकार्पण समारोह के एक दिन पहले शनिवार को सुरक्षा जवानों को कार्यक्रम स्थल पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने ड्यूटी में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों और सुरक्षा जवानों को पूरी तरह सतर्क रहने की सलाह दी। किसी भी व्यक्ति को बिना पास के प्रवेश नहीं देने का निर्देश दिया। इसके अलावा भीड़ के साथ शालिनता के साथ पेश आने का निर्देश दिया।
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेल मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम स्थल पर तैयार होता मुख्य द्वार (बाएं) और मुगलसराय रेलवे स्टेशन लिखा भवन।
ब्रिटीश शासनकाल में कोलकाता से नई दिल्ली माल ढुलाई के लिए 1862 में हावड़ा से दिल्ली जाने के लिए रेलवे लाइन का विस्तार किया। वहीं 1880 में मुगलसराय रेलवे स्टेशन भवन का निर्माण किया गया। इसके बाद मुगलसराय स्टेशन का नाम प्रचलन में आ गया।
इसके अलावा 1905 में स्टेशन भवन में सुधार किया गया। मुगलसराय रेलवे स्टेशन भवन के भव्यता के लिए पंडित कमालपति त्रिपाठी ने पहल करते हुए भवन का सुंदरीकरण कराया। स्टेशन भवन निर्माण के लिए 1976 में पंडित कमलापति त्रिपाठी उद्घाटन किया।
इस क्रम में स्टेशन भवन का 1982 में निर्माण कार्य पूरा हुआ। वही 1978 में मुगलसराय स्टेशन पूर्व रेलवे का मंडलीय मुख्यालय बना। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम एशिया में यार्ड से मशहूर है। एकलौता एशिया का यार्ड साढ़े 12 किमी में फैला है। यार्ड में 250 किमी रेलवे लाइन का संजाल बना है। यार्ड में 10 ब्लाक केबिन व 11 यार्ड केबिन है। वहीं 19वीं शताब्दी में विद्युत लोको शेड की स्थापना की गई। इसमें हावड़ा से दिल्ली तक गया होते हुए ट्रेनों का संचालन होता है। विद्युत लोको शेड में करीब 137 रेल इंजन का मरम्मत कार्य करने की क्षमता है। इसके अलावा डीजल लोको शेड की स्थापना 1962 में उत्तर रेलवे के सौजन्य से किया गया।
इसमें 72 रेल इंजनों के रखरखाव की व्यवस्था थी। हालांकि अब इसकी क्षमता बढ़ा दी गई है। मुगलसराय। लोकार्पण समारोह में किसी भी व्यक्ति को काला छाता लेकर पहुंचने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। इसके अलावा काला कपड़ा पहनकर भी आने में मनाही है। इसके अलावा कोई फेंकने वाली वस्तु व पदार्थ लेकर जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
आईजी विजय सिंह मीना ने लोकार्पण समारोह के एक दिन पहले शनिवार को सुरक्षा जवानों को कार्यक्रम स्थल पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने ड्यूटी में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों और सुरक्षा जवानों को पूरी तरह सतर्क रहने की सलाह दी। किसी भी व्यक्ति को बिना पास के प्रवेश नहीं देने का निर्देश दिया। इसके अलावा भीड़ के साथ शालिनता के साथ पेश आने का निर्देश दिया।
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेल मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम स्थल पर तैयार होता मुख्य द्वार (बाएं) और मुगलसराय रेलवे स्टेशन लिखा भवन।
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