हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग हिंदी आईडिया में आज हम आपको बताएँगे कि कपैसिटर क्या होता है ? इसके कितने प्रकार हैं ? इसका उपयोग कहाँ होता है।
कैपेसिटर क्या क्यों कैसे ?
दोस्तों हम सभी लोगो ने आमतौर पर कैपेसिटर का उपयोग कहीं न कहीं किया होगा या करते हुए देखा होगा। यह मुख्यतः सभी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में इस्तेमाल होता है।
कैपेसिटर क्या होता है ?
धातु कि दो प्लेटो के बीच कोई कुचालक पदार्थ रखकर, प्लेटो में से एक-एक तार निकल दिया जाएँ तो इस तरह बने डिवाइस को केपेसीटर कहा जाता हैं।कैपेसिटर को और भी कई नामो से जाना जाता हैं जैसे :-कंडेंसर , फिल्टर इत्यादि:-
कैपेसिटर के प्रकार :
कैपेसिटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं |1 :POLAR
2 :NON POLAR
नोट :किसी भी सर्किट में कैपेसिटर को { C } के द्वारा दर्शाया जाता हैं अर्थात कैपेसिटर का संकेत C होता हैं|
POLAR कैपेसिटर
ऐसे कैपसिटर जिनमे negative और positive पॉइंट्स होते हैं, Polar Capacitor कहलाते हैं। इन Capacitor को circuit में लगाते समय नेगेटिव और पॉजिटिव का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता हैं। यदि यह उलटे लगा दिए जाए तो यह गरम होकर फट जाते हैं। तथा सर्किट को भी नुकसान पंहुचा सकते हैं|
पोलर कैपेसिटर को कैसे चेक करते हैं ?
दोस्तों Polar Capacitor को हम निचे दिए गए तरीके से चेक कर सकते हैं :यदि कपैसिटर ओपन होगा तो मीटर की सुई नहीं हिलेगी।
यदि कैपेसिटर शोर्ट बताता हैं या ओपन बताता हैं या सुई फुल अन्तिम छोर तक जाने के बाद बीचमें कही भी रुकती हैं तो भी ख़राब हैं|
Digital मल्टीमीटर : पोलर कैपसिटर को Digital मल्टीमीटर से चेक करने के लिए मल्टीमीटर को buzzer पर सेट करेंगे capacitor के दोनों सिरों ( + , – ) पर मल्टीमीटर के दोनों प्रोब को लगाने पर मल्तीमीटर रीडिंग बताकर वापस ( 1) पर आ जाता हैं तो सही हैं| इसके अलावा कुछ बताता हैं तो ख़राब हैं |
पोलर capacitor के ऊपर positive और negative टर्मिनल का पता लगाने के लिए capacitor के ऊपर एक कलर की हुई पट्टी दिखाई देती हैं उस पट्टी के अंदर (- – -) लिखा हुआ रहता हैं| जिसे हम negative सिरा कहते हैं और दूसरा सिरा positive कहलाता हैं |
NON POLAR कैपेसिटर
ऐसे कैपसिटर जिनमे negative और positive टर्मिनल नहीं होते हैं। Non Polar Capacitor कहलाते हैं। इन Capacitor चाहे जैसे लगा सकते हैं।
कैपेसिटर की unit :
कैपेसिटर की unit farad है
केपेसिटेन्स को "F" से मापा जाता हैं।
1000 पीको फेराड (kF) = 1 किलो पीको फेराड(KpF)
1000 किलो पीको फेराड (KpF) = 1 माइक्रो फेराड(MFD,MF,UF)
10,00,000 माइक्रो फेराड(MF) = 1 फेराड (F)
केपेसिटेन्स को "F" से मापा जाता हैं।
1000 पीको फेराड (kF) = 1 किलो पीको फेराड(KpF)
1000 किलो पीको फेराड (KpF) = 1 माइक्रो फेराड(MFD,MF,UF)
10,00,000 माइक्रो फेराड(MF) = 1 फेराड (F)
कैपेसिटर कैसे काम करता है ?
केपेसीटर एक बैटरी की तरह काम करता हैं। यह करंट को स्टोर करता है। जिस प्रकार टंकी में स्टोर पानी को दुबारा निकाला जा सकता हैं। ठीक उसी प्रकार केपेसीटर में स्टोर किये गये आवेशो को भी दुबारा प्राप्त किया जा सकता हैं।
• केपेसीटर का काम विधुत ऊर्जा को एकत्रित करना व विधुत ऊर्जा को एकत्रित दुबारा प्रदान करना हैं।
• केपेसीटर के इस प्रक्रिया को केपेसीटर कि चार्जिंग-डिसचार्जिंग प्रक्रिया कहा जाता हैं।
• केपेसीटर के द्वारा विधुत को स्टोर करने कि क्षमता को केपेसीटर का केपेसिटेन्स कहते हैं।
कैपेसिटर के उपयोग :
कैपसिटर मुख्य काम AC को पास करना व DC को रोकना होता हैं।
• filtration circuit
• Coupling circuit
• Delay Timing circuit
• Capacitor Polority
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