Wednesday 8 August 2018

क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे शापित नदी कौन - सी है ? - Hindi Idea

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग हिंदी आईडिया में आज हम आपको बताएँगे कि ऐसी कौन सी नदी है जो सबसे शापित है।  

दुनिया की सबसे शापित नदी 

दोस्तों वैसे तो मानव ने एक और कई बड़े - बड़े आविष्कार किये हैं परन्तु आज तक ऐसे अनेक अनसुलझे रहस्य है जिन्हें वह सुलझा भी नहीं पाया है।
ऐसा ही एक रहस्य दक्षिणी अफ्रीका (South Africa) के लिंपोपो (Limpopo Province) राज्य के सौट पैंसबर्ग (Soutpansberg) में है | ये एक नदी है जिसका रहस्य आपके दिमाग़ को 360 डिग्री पर घुमा देगा | इस नदी का नाम है फनडूजी (Fundudzi River ) नदी| इसका निर्माण, पास में बहने वाली म्यूटेल नदी (Mutale River) में होने वाले एक प्राचीन भूस्खलन से हुआ था |

क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे शापित नदी कौन - सी है ? - Hindi Idea


पूरी नदी और आस-पास का वातावरण थोड़ा अजीब है | कभ-कभी ऐसी नीरवता और निस्तब्धता छा जायेगी मानो पूरे माहौल को ही काठ मार गया हो, और कभी वहाँ ऐसी विचित्र आवाजें सुनाई पड़ती हैं जैसी पहले कहीं, कभी सुनी ना हों | कभी-कभी कुछ अजीब तरह के जानवरों के सामूहिक रूप से चीखने की आवाजें आती हैं मानो कोई अनहोनी होने वाली हो, वो सुन कर तो किसी का भी कलेजा काँप जाए |

लेकिन मुख्य बात ये है कि इस नदी के पानी को पीने वाला आज तक जीवित नहीं बचा | इसका मतलब यह नहीं कि इस नदी का पानी प्रदूषित है या इसमें किसी प्रकार का जहर मिला हुआ है बल्कि सच तो यह है कि म्यूटेल नदी (Mutale River) , जिस का पानी इस नदी में आता है वो एकदम स्वच्छ है | फिर इसमें आखिर कौन सा ज़हरीला तत्व मिला है जो प्राणघातक है?

इस रहस्य को जानने के लिए शोधकर्ताओं द्वारा समय-समय पर कई प्रयास हुए लेकिन उनमे से किसी का प्रयास सफल नहीं हुआ | हर प्रयास के साथ किसी न किसी तरह की कोई रहस्यमय घटना घट जाती और वो प्रयास विफ़ल हो जाता | शुरू-शुरू में इस तरह की घटनाओं को केवल संयोग समझ कर टाल दिया जाता रहा लेकिन जब हर शोधकर्ता के साथ इस तरह की रहस्यमय घटनाएं घटने लगी तो खोजकर्ता सतर्क हो गये, कईयों के मन में तो डर बैठ गया, कारण सिर्फ़ रहस्यमय घटनायें नहीं थी बल्कि नदी का पानी पीने वालों की मौत थी |

सबसे बड़ी बात इस नदी का पानी पीने वालों की तुरंत मौत भी नहीं होती जिससे ये अंदाजा लगाया जा सके कि उसमे किसी प्रकार का कोई ज़हरीला तत्व है | लेकिन इन मौतों से जांचकर्ता घबराने लगे और जल्दी ही उनका इस नदी के रहस्यों से मोहभंग हो गया | इस नदी का रहस्य उसके पानी की ही तरह और गहराई में उतर गया |

इस नदी के रहस्य से सम्बंधित अंतिम घटना सन 1956 की है जब एंडी लेविन नाम के एक खोजकर्ता ने इसके रहस्य को उजागर करने की ठानी | एंडी को रसायन शास्त्र की अच्छी जानकारी थी यही कारण था की उस पर इस नदी के रहस्यों को खोजने का भूत सवार था | उसके दोस्तों और सम्बन्धियों को जब उसकी इस सनक का पता लगा तो उन्होंने उसको टोका और उसको ऐसा न करने के लिए हर तरीके से समझाया लेकिन एंडी अपनी जिद के आगे किसी की सुनने को तैयार नहीं था |

अपने एक सहयोगी को लेकर एंडी निकल पड़ा उस अभिशप्त नदी के रहस्यों को समझने के लिए | हाँलाकि एंडी पूरी तैयारी के साथ गया था लेकिन उसने अपने कार्य में सहायता के लिए स्थानीय कबीले के लोगों से संपर्क साधा लेकिन फनडूजी नदी (Fundudzi River) का नाम सुनते ही उन लोगों को सांप सूंघ गया और उन्होंने, उसकी किसी भी प्रकार की कोई सहायता करने से साफ़ इनकार कर दिया |

बल्कि कबीले के वृद्ध हो चुके मुखिया ने उन्हें ऐसा करने से मना भी किया, उन्होंने उनको चेतावनी भी दी कि ऐसा करने पर तुम अपनी दुनिया में पहुँच भी न पाओगे, लेकिन एंडी नहीं माना वो अपने सहयोगी के साथ आगे बढ़ गया | जब वे दोनों नदी के आस-पास पहुंचे तो रात हो चुकी थी | वातावरण की भयावहता को देखते हुए दोनों ने रात वहीँ, एक सुरक्षित स्थान पर गुजारने की सोची |

अगले दिन की अलसाई सुबह में उनकी आँखे थोड़ी देर से खुली | लेकिन चैतन्य होते ही वे अपने साथ लाई बोतलों में नदी का पानी भरने लगे | भगवान् भास्कर की चटकीली किरणों से वहाँ का वातावरण एकदम स्वच्छ और साफ़ दिख रहा था लेकिन माहौल में एक गज़ब की नीरवता छाई हुई थी | एंडी को नदी का पानी कुछ गहरे मटमैले रंग का दिखा |

उसने उसका स्वाद जानना चाहा और उन लोगों ने नदी के पानी को पी लिया | एंडी को उसका स्वाद कुछ विचित्र जैसा जान पड़ा | पानी का नमूना इकठ्ठा कर लेने के बाद उन लोगों ने नदी के आस-पास से कुछ पौधों तथा झाड़ियों को भी इकठ्ठा किया और अपने साथ ले जाने के लिए उनको सुरक्षित रख लिया | थोड़ी देर विश्राम करके जब वो वापस चल पड़े तो उनके साथ शुरू हो गया अजीबो-गरीब घटनाओं का सिलसिला |

वापसी में उन्हें उत्तर से पूर्व की और बढ़ना था, जिधर से वे आये थे, लेकिन वे चल पड़े पश्चिम के रास्ते पर | जब आधे से अधिक रास्ता उन्होंने पार कर लिया तब उनको समझ में आया कि वो तो गलत दिशा में आगे बढ़ रहे हैं | इसके बाद लौटकर वो लोग वापस नदी तक आये और यहाँ से, फिर से पूरब की तरफ़ बढ़े | अब तक थोड़ा अँधेरा घिर चुका था अतः वे लोग एक स्थान पर रुक गए, रात गुजारने के लिए |

सवेरा होने पर उन लोगों ने वापसी के लिए फिर से प्रस्थान किया | थोड़ी दूर आगे जाने पर फिर उनको लगने लगा की वे गलत रास्ते पर जा रहे हैं | एक बार फिर वे लोग वापस लौटे | इस बार पूरी तन्मयता से, अधिक सतर्कता बरतते हुए सावधानीपूर्वक, पूरब की तरफ़ बढे | लेकिन परिणाम वही निकला जिसका उनको डर था | वे फिर से रास्ता भटक चुके थे |

अबकी बार उनको समझ में आ चुका था कि वो लोग एक प्रकार के जाल में फँस चुके हैं अतः इस बार उन्होंने कोई खतरा मोल न लेने की सोची | उन्होंने पानी से भरी बोतलें नदी में फेंकी, पौधों और झाड़ियों को वहीँ छोड़ा और पूरी सतर्कता बरतते हुए पूरब की ओर बढ़ चले | इस बार वे लोग सफल हुए और सुरक्षित अपने घर पहुँच गए | लेकिन अब तक लेविन की तबियत काफ़ी बिगड़ चुकी थी |

हॉस्पिटल में एक हफ्ते के भीतर उसकी मौत हो गयी | कुछ दिनों के भीतर उसका सहयोगी एक कार दुर्घटना में मारा गया | उस नदी के अभिशप्त सिद्ध होने की ये तेरहवीं घटना थी, जो अभी तक लोगों के जेहन में ताज़ा है और अभी तक कोई भी इसे सुलझा नहीं पाया है। 
|

No comments:

Post a Comment